कुलपति

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छत्तीसगढ़ की पावन धरा पर अवतरित महान संत गुरू घासीदास जी के नाम पर स्थापित विद्या के इस मंदिर में कुलपति के रूप में नियुक्त होने पर मुझे अपार प्रसन्नता एवं दायित्व का बोध हो रहा है। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ का एक मात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय है, जो रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रदान करने, शैक्षिक आकांक्षाओं की पूर्ति, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रसार के महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन करते हुए स्थानीय समाज एवं दूरदराज के क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगा रहा है। महान संत बाबा गुरू घासीदास के नाम पर बने इस विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर उच्च शिक्षा के लिए वट वृक्ष के समान विकसित करने के लिए हम व्यापक प्रयास करेंगे।

मैं नए शैक्षणिक सत्र 2021-22 के प्रारम्भ में विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करता हूँ। हमारे लिए जो सम्भावनाएं, अवसर एवं लक्ष्य उपलब्ध हैं, उनका अनुसरण कर हम देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों के बराबर खडे़ हो सकेंगे। शैक्षणिक गुणवत्ता में बेहतरी के साथ अधोसंरचना के विकास, शोध एवं नवाचार के नए आयामों का विकास हमारी सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकताएं हैं।

भारत सरकार की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं जैसे ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’, ‘उन्नत भारत अभियान’, ‘राष्ट्रीय सेवा योजना’ (एनएसएस), ‘राष्ट्रीय कैडेट कोर’ (एनसीसी), एवं ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का सुचारू क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। 3 एमवी पेलेट्रॉन त्वरक परियोजना, अंतरविषयक अनुसंधान के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।

विश्वविद्यालय सभी विषयों में वैश्विक शिक्षा प्रदान करने वाला संस्थान है। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पूर्व प्राथमिक से स्नातकोत्तर और शोध स्तर तक शिक्षा के समग्र दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए दिनांक 29 जुलाई, 2020 को ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020’ की घोषणा की। मेरा दृढ़ मत है कि ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020’ राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाला साबित होगा, जिससे सभी प्रकार के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक एवं रणनीतिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। पूरा देश राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को पूर्ण रूप से लागू करने के लिए समर्पित है। ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020’ के प्रभावी अनुसरण के लिए इस नीति की पहली वर्षगांठ पर 29 जुलाई, 2021 को हमारे प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए इस नीति के क्रियान्वयन की प्रगति की जानकारी भी दी।

गुरू घासीदास विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता व मानक में वृद्धि के लिए मुझे इस विश्वविद्यालय से जुड़े सभी लोगों से निःशर्त समर्थन एवं सहयोग की उम्मीद है। मुझे विश्वास है कि गुरू घासीदास विश्वविद्यालय की प्रगति के लिए हमारे ईमानदार एवं संयुक्त प्रयास, निश्चित रूप से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होंगे।

मैं समाजसेवियों, उद्योगपतियों, पूर्व छात्रों एवं समाज के कर्णधारों से अनुरोध करता हूँ कि वे उच्च शिक्षा एवं परिसर में अध्ययन करने वाले छात्रों की बेहतरी के लिए गुरू घासीदास विश्वविद्यालय को मुक्त हस्त से सहयोग दें। मैं गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के छात्रों और समाज के समग्र विकास के लिए अभिनव विचारों का स्वागत करता हूँ। विश्वविद्यालय के साथ एक मजबूत उद्योग-संस्थान सम्पर्क बनाने में सहयोग के लिए मैं उद्योगों की सराहना करता हूँ। उक्त प्रयासों में निहित विचारों से यह सुनिश्चित करना है कि गुरू घासीदास विश्वविद्यालय से पूर्ण विकसित स्नातक निकल सके।

गुरू घासीदास विश्वविद्यालय एवं इसके छात्रों की बेहतरी के लिए सभी अच्छे एवं अभिनव सुझावों का स्वागत है। मैं पुनः आशान्वित हूँ कि उच्च शिक्षा संस्थान, शोध संस्थान, उद्योग, फिक्की, एसोचैम, स्थानीय चेम्बर ऑफ कॉमर्स, व्यावसायिक संस्थान, बिलासपुर नगर निगम, स्थानीय व राज्य प्रशासन एवं सभी सहभागी गुरू घासीदास विश्वविद्यालय की तरक्की एवं विकास में सहयोग प्रदान करेंगे।

प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल
कुलपति