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विज्ञान एवं सूचना प्रद्धौगिकी विभाग सन् 1990 मे एक वर्षीय पी जी डिप्लोमा कोर्स के साथ शुरू हुआ. इस कोर्स के साथ विभाग ने लोकप्रियता प्राप्त की. इसके बाद सन् 1996 मे कंप्यूटर विज्ञान में एम एस सी (कंप्यूटर विज्ञान) एवं साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी में एम एस सी (सूचना प्रौद्योगिकी) के साथ स्नातकोत्तर पठयक्रम प्रारंभ हुआ. इसके बाद 1998 में अखिल भारतिय तकनीकी शिक्षा परिषद (ए आई सी टी ई) नई दिल्ली द्वारा मास्टर ऑफ कंप्यूटर अप्लिकेशन (एम सी ए) कोर्स के लिए मंज़ूरी दी गई. विभाग में बड़ी संख्या में नवीनतम कॉनफिगरेशन के कंप्यूटर हैं जिससे प्रत्येक छात्र/छात्रा पर्याप्त समय तक अभ्यास कर सकते हैं. विश्वविद्यालय में केंद्रिय ग्रंथालाय के साथ साथ विभाग में स्वयं का ग्रंथालाय भी है, तथा कंप्यूटर सेंटर में इंटरनेट की सुविधा भी उपलब्ध है. विभाग में योग्य संकाय सदस्य हैं जो राष्‍ट्रिय और अंतरराष्‍ट्रिय संस्थानो के साथ सहयोग कर रहे हैं. विभाग के संकाय सदस्य अनुसंधान और विकास के क्रियाकलापों में सक्रिय रूप से शामिल है संकाय सदस्यों के शोधपत्र, लेख राष्‍ट्रिय और अंतरराष्‍ट्रिय पत्रिकाओं में प्रकाशित होते हैं. संकाय सदस्यों को भारत एवं विदेशों में वार्ता हेतु आमंत्रित किया जाता है विभाग में समय समय पर विषय विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान का आयोजन किया जाता है. छात्र/छात्राओं को समय अनुरूप रियल टाइम प्रॉजेक्ट डेवेलपमेंट और सॉफ्टवेर डेवेलपमेंट लाइव प्रॉजेक्ट में कार्य करने हेतु प्रेरित किया जाता है. सेमिनार, शोध परिचर्चा, समूह चर्चा, ग्रूप डिस्कशन विभाग की नियमित विशेषताएँ हैं. कंप्यूटर विज्ञान के उभरते मुद्दों जैसे डाटा खनन, ई-गोवेरनेंस पर राष्ट्रिय सेमिनार पूरी तरीके से सफल और उपयोगी सिद्ध हुए हैं. इस प्रकार के सेमिनारों से न केवल छत्तीसगढ के लिये बल्कि पूरे देश के अनुसंधानकर्ता और अकादमिशन एक्कट्ठे होते हैं. सेमिनार के मुद्दों पर प्रख्यात वक्ता अपने व्याख्यान प्रस्तुत करते हैं. सी एस आइ टी विभाग में मार्च 2011 को सॉफ्ट कंप्यूटिंग एवं आइ सी टी पर अंतरराष्‍ट्रिय सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमे प्रख्यात वक्ता प्रो. सी टी लिन (ताइवान), सुंग बे चो (कोरीया), प्रो. जुंग वॅंग(होंकोंग ), प्रो. ए के पुजारी (कुलपति, संबलपुर वि वि, भारत) प्रो जी पी पंडा (आइ आइ टी भुवनेश्वर, भारत), प्रो एन एस चौधरी (आइ आइ टी इन्दौर, भारत) के द्वारा सम्मेलन के समय विशेषज्ञ व्याख्यान दिए गये. इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए 300 प्रतिनिधि, जिसमे देश विदेश से छात्र/छात्रा, संकाय सदस्य, शोधकर्ता उपस्थित हुए. विभाग के छात्र/छात्राएँ किसी भी समय अपने समस्याओं के समाधान हेतु शिक्षकों से परामर्श लेने के लिए स्वतंत्र होते हैं. विभाग अंतराष्ट्रिय स्तर पर अनुसंधान हेतु योजना बना रहा है विभाग में संचालित विषयों के पाठ्यक्रम को समय-समय पर उद्योंगों की ज़रूरत के अनुरूप बदलते रहते हैं. जिससे विभाग में अध्ययन छात्र/छात्राओं को उद्योंगों एवं अनुसंधान विकास संगठनों में उचित अवसर प्राप्त हो सके. विभाग से उत्तीर्ण छात्र/छात्राएँ उत्कृष्त संस्थानों में रोज़गार सुरक्षित करने में सक्षम होते हैं.

विभाग का दृष्टि

आउटकम बेस्ड एजुकेशन की प्रथाओं को लागू करके कम्प्यूटेशनल विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान, शिक्षाविदों और नवाचार में उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में विभाग की स्थापना करना

विभाग का उद्देश्य

मिशन कुशल छात्र तैयार करना है जो आज के आईटी आधारित उद्योग/सॉफ्टवेयर फर्मों की मांग को आसानी से पूरा कर सकें

विभाग की उपलब्धियां

i) विभाग ने कई पेटेंट फाइल और प्रकाशित किए हैं। ii) पिछले कुछ वर्षों के दौरान छात्रों को विभिन्न सॉफ्टवेयर उद्योगों/प्रतिष्ठित सॉफ्टवेयर फर्मों में नियुक्त किया गया है। iii) विभाग पहले से ही एक अच्छा काम करने का माहौल या अपने शोध विद्वानों को प्रदान करने और सहायता करने में लगा हुआ है। iv) संकाय और अनुसंधान विद्वानों को उच्च प्रभाव वाले कारकों के साथ प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में गुणवत्तापूर्ण शोध पत्र प्रकाशित करने के लिए प्रेरित किया जाता है। v) संकाय सदस्यों और शोधार्थियों को भारत और विदेशों में विभिन्न सम्मेलनों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाता है। वे विभिन्न प्रशिक्षणों, संगोष्ठी और सम्मेलनों में भी बातचीत करते हैं।