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रासायनिक अभियांत्रिकी विभाग, अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के सबसे प्रतिष्ठित और सबसे पुराने विभागों में से एक है। विभाग की स्थापना सत्र 1997 में देश के सबसे बड़े रासायनिक अभियांत्रिकी अध्ययन केन्द्रों में से एक होने के लक्ष्य के साथ की गई, जिसका उद्देश्य अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी अनुसंधान और कैरियर के लिए योग्य एवं सक्षम रासायनिक अभियन्ताओं को तैयार करना है। विभाग क्रमशः 75 और 23 छात्र-छात्राओं की प्रवेश क्षमता के साथ रासायनिक अभियांत्रिकी में स्नातक (बी.टेक.) एवं स्नातकोत्तर (एम.टेक.) पाठ्यक्रम संचालित करता है। इन पाठ्यक्रमों के साथ ही विभाग में पीएच.डी. की उपाधि भी प्रदान की जाती है। पाठ्यक्रम की रचना भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) एवं राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एन.आई.टी.) जैसे प्रसिद्व भारतीय तकनीकी संस्थानों के स्तर एवं रासायनिक उद्योगों में वर्तमान रूझानों को ध्यान में रखते हुए की गई है। विभाग उच्च शिक्षित एवं कर्मठ सदस्यों से सुसज्जित है जो उच्च गुणवत्ता के साथ अध्यापन हेतु समर्पित हैं। विभाग के शिक्षकगणों द्वारा विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय पत्रिकाओं, सम्मेलनों और सेमीनारों में 100 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए गए हैं। इसके साथ ही विभाग के शिक्षकगणों द्वारा चार तकनीकी पाठ्यपुस्तकों एवं दो पेटेंट का भी प्रकाशन किया गया है। अखिल भारतीय शिक्षा परिषद् (ए.आई.सी.टी.ई.) एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) जैसी समितियों/संस्थानों ने विभाग को कुल 51 लाख रूपए का शोध अनुदान प्रदान किया है। वर्ष 2011 में विभाग के छात्रों द्वारा केमिकल इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स सोसायटी (चेस) की स्थापना की गई। चेस का लक्ष्य छात्रों को एक ऐसा मंच प्रदान करना है जहाँ वे पाठ्येत्तर गतिविधियों के साथ-साथ अपनी प्रतिभा और व्यक्तित्व में भी निखार ला सकें। चेस अपना एक स्वयं का एक पुस्तकालय (बुक क्लब) भी संचालित करती है, इसके साथ ही एक ई-पत्रिका रसायन (चेस का विभागीय प्रकाशन) भी प्रकाशित करती है। विभाग स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं को अनुसंधान में शामिल होने और वैज्ञानिक स्तर पर अपने निष्कर्षों को प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित करता है। विभाग के छात्र-छात्रायें विश्वविद्यालय में विभिन्न प्रकार की पाठ्येतर और सह-पाठ्यचर्या गतिविधियों के साथ-साथ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में सक्रिय रूप से भाग लेते रहते हैं एवं उल्लेखनीय प्रस्तुति देते रहते हैं। विभाग के अंतिम वर्ष के छात्र श्री थम्मीना किरण और हाल ही में उत्तीर्ण छात्र श्री उत्कर्ष पटेल ने अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित परीक्षा गेट 2022 में समूचे भारत में क्रमशः ५९वां और ३०वां स्थान प्राप्त कर विभाग और विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है। विभाग के पूर्व छात्र-छात्रायें विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय प्रतिष्ठित संस्थाओं संस्थाओं में अपनी सेवाएं देकर विभाग एवं विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं। इनमें से प्रमुख संस्थाएं हैं: इंडियन आयल, ओेएनजीसी, रिलायंस, एस्सार ऑइल, जीएसीएल, सहारा (यूएई), जिंदल, बाल्को, मायडेन (केएसए), एचडीएफसी, न्यू-विस्टा लिमिटेड (नुवोको सीमेंट) इत्यादि। छात्र-छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए कटिबद्ध एवं उत्तरोत्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर रासायनिक अभियांत्रिकी विभाग निरंतर सुधार हेतु आपके सुझावों का स्वागत करता है।

विभाग का दृष्टि

विभाग का उद्देश्य

विभाग की उपलब्धियां